तमाम निराशाजनक खबरों के बीच एक अच्छी और सुखद खबर भी है, हमारी माँ स्वरूपा गंगा नदी का जल फिर निर्मल होने लगा है । सीपीसीबी के रियल टाइम वॉटर मॉनिटरिंग डाटा के अनुसार उसकी 36 मॉनिटरिंग यूनिटों में से 27 के आसपास पानी की गुणवत्ता मनुष्य,वन्यजीवों और मछलियों के लिए उपयुक्त पाई गई है। गंगा ही नहीं उसकी सहायक नदियाँ हडन और यमुना के पानी की गुणवत्ता में भी लगभग तीस फीसदी का सुधार हुआ है। सचमुच प्रकृति अपने घावों पर मरहम लगा रही है मन ही नहीं आत्मा को भी एक सुकून मिल रहा है ।